शनिवार, 11 दिसंबर 2021

कौची हइ आसमानी खतरा से पृथ्वी के बचावे ला नासा के महाप्रयोग





नासा के वैज्ञानिक एगो अंतरिक्ष यान से एसन टेकनीक के परीक्षण के तैयारी कर रहलथिन हें जेकरा से भविष्य में कोई ख़तरनाक उल्का या एस्ट्रॉयड के पृथ्वी से टकराये से रोकल जा सकले ह।

नासा के इ मिशन के नाम 'डार्ट मिशन' हई जेकर आधार पर उ पृथ्वी के ओर आवे  वाला कोई भी बड़का अंतरिक्ष चट्टान के निष्क्रिय करे ला लंबा समय से चल रहेवाला  प्रस्ताव के मूल्यांकन करतयी .

इ अंतरिक्ष यान डिमोर्फ़ोस नामक एगो आकाशीय पिंड या ऑब्जेक्ट से टकरैतयी।  नासा के वैज्ञानिक इ देखेला चाह रहलथिन हें कि डिमोर्फ़ोस के गति आउ  रास्ता के केतना बदलल जा सकले ह। 

वैज्ञानिक जे काम करेला चाह रहलथिन हें ओकर अहमियत के अंदाज़ा इ बात से लगावल जा सकले हे कि अगर कुछ सौ मीटर के ब्रह्मांडीय मलबा  (कॉस्मिक डेबरी) के एक हिस्सा पृथ्वी से टकरा जा  हई , त इ एक पूरे महाद्वीप पर तबाही मचा सकले ह।

हालांकि, डिमोफ़ोर्स से पृथ्वी के कोई ख़तरा न हई।  इ भविष्य में पृथ्वी के ओर आवे वाला अइसन ख़तरा से निपटे के तरीका सीखे के पहला प्रयास हई , यानी कल को कोई ऐसन पिंड या मलबा धरती के ओर आव हई त ओकरा कैसे दूर रखल जा सकले ह। 

नासा के प्लेनेटरी डिफ़ेंस के ऑर्डिनेशन ऑफ़िस के केली फास्ट कहलथिन , "डार्ट केवल डिमोर्फोस के कक्षा के अवधि में बस छोटा सा परिवर्तन करे के  कोशिश हइ। आउ वास्तव में भविष्य में हमनी के ओर आवे वाला एस्ट्रॉयड के रोकेला बस एतने करे पड़तइ। 

एस्टेरॉयड या उल्कापिंड, सौर मंडल के बचल खंड हइ , जेकरा में से अधिकांश से पृथ्वी के कोई ख़तरा न हइ। लेकिन जब ऐसन कोई चट्टान सूर्य के चक्कर लगइते हुए पृथ्वी के ओर बढ़ हई त टक्कर के संभावना हो स क हई। 




कइसे  होतई परीक्षण


करीब 32 करोड़ अमेरिकी डॉलर के डार्ट मिशन, एस्टेरॉयड के एक जोड़ी के निशाना बनइतई  जे इ वक्त एक-दूसरा के परिक्रमा कर रहले ह। ऐसन  परिक्रमा के बाइनरी कहल जा हई।  इ दुनू में से बड़का एस्ट्रॉयड के नाम हईडिडिमोस, जे करीब 780 मीटर में फैलल हई. डिमोफ़ोर्स करीब 160 मीटर चौड़ा हई.

डिमोफ़ोर्स के आकार वाला एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराये के बाद, कई परमाणु बम के ऊर्जा जेतना असर होतई। एकरा से लाखों के जान जा सक हई. लेकिन 300 मीटर और एकरा से अधिक चौड़ाई वाला एस्टेरॉयड तो पूरे के पूरे महाद्वीप तबाह कर सकले ह। आउ एक किलोमीटर के आकार वाला पिंड तो पृथ्वी के  ख़तरा में डाल सकले ह। 

डार्ट प्रक्षेपण के बाद सितंबर 2022 तक अंतरिक्ष में घूमते रहतई आउ फिर पृथ्वी से 67 लाख मील दूर जाके अपन लक्ष्य के निशाना बनइतई। 

डार्ट लगभग 15,000 मील प्रति घंटा के गति से (6.6 किमी/सेकेंड) की गति से डिमोफ़ोर्स से टकरैतयी। एकरा से डिमोफ़ोर्स के दिशा कुछ मिलिमीटर ही बदले  के आसार हई।  अगर इ हो जईतई त, ओकर कक्षा बदल जईतई। 

इ एक बहुत ही छोटा परिवर्तन लग सकले ह लेकिन एक एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराये से रोके ला बस एतने करे के जरूरत हई। 

हालांकि एतना करना भी आसान न हई। 



पृथ्वी के निकट मौजूद एस्टेरॉयड


नासा के इ मिशन के प्रोग्राम साइंटिस्ट टॉम स्टेटलर कह हथीन , "बड़ एस्टेरॉयड के तुलना में, अंतरिक्ष में बहुत सा छोटा एस्टेरॉयड हई आउ ओहि से सबसे अधिक संभावित ख़तरा भी एखनिये से हई। "

साल 2005 में, अमेरिकी कांग्रेस नासा के पृथ्वी के निकट मौजूद 90% फ़ीसदी एस्टेरॉयड के ट्रेक करे के  निर्देश देलके हल जेकरा से पृथ्वी के संभावित ख़तरा हो सका हई।  नासा एकरा से में  अब तक केवल 40% कइ ही पहचान कर पैले ह। 

डार्ट पर ड्रेको नाम के एक कैमरा भी है जे अपन मिशन के फोटो लेतइ ताकि अंतरिक्ष यान के डिमोफ़ोर्स से टकराये ला सही दिशा के पता चलते रहे। 

अपन लक्ष्य के भेदे से लगभग 10 दिन पहिले डार्ट, लिसियाक्यूब नामक एगो छोटा सैटेलाइट के इस्तेमाल करतयी। इ छोटा यान टकराये के बाद के फोटो वापस भेजतयी। 




डिमोर्फोस के घूमे के रास्ता में छोटा सा परिवर्तन के भी पृथ्वी पर दूरबीनों के ज़रिए नापल जैतई। टॉम स्टेटलर क ह हथीन , "हमनी वास्तव में जानेला चाह हिययी कि का  हमनी सही में एस्टेरॉयड के कक्षा के बदल देलियई हे आउ अगर हां त हमनी इ केतना कुशलता से कैलियई हे ?"

अइसन परीक्षण ला इ एक दुरुस्त प्रयोगशाला हई।  इ प्रयोग से डिमोर्फ़ोस के अपना रास्ता लगभग 1% बदल लेना चाहि. लेकिन एकर सही-सही पता यहाँ पृथ्वी पर मौजूद दूरबी से कई हफ्ता या महीना  में चलतइ। 

इ बात पर भी अनिश्चितता हई कि डिमोफ़ोर्स डार्ट से टकराये के बाद कैसे व्यवहार करतय काहे कि हमनी एकर अंदर के संरचना के बारे में  न जनही।  यदि डिमोफ़ोर्स अंदर से ठोस हई त ज़ाहिर है कि बहुत सा मलबा निकलतयी, जेकरा से  एकरा एक अतिरिक्त धक्का लगतयी। 

(आभार बीबीसी हिंदी)

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